*मांँ शारदे को नमन, बदलाव मंच को नमन!*
*शीर्षक: अस्तित्व*
*विद्या: हाइकु*
संघर्ष मेरी
जंग हैं अस्तित्व की
पहचान की।
पवंदिया है
बंदिशे है हजार
कंटीले राह।
दृढ़ संकल्प
हौसलों भरा मन
अडिग स्वप्न।
दृढ़ तपस्या
कठोर परिश्रम
बुलंद मन।
फांद दीवार
पार कर अंगारे
मिली मंजिल।
अस्तित्व पाई
पहचान बनाई
खुश है दिल।
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