चंद्र प्रकाश गुप्त "चंद्र" जी#दीपोत्सव#

बदलाव राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मंच ( साप्ताहिक प्रतियोगिता )
दिनांक 12/11/2020
 
   विषय    -  *दीपोत्सव*
शीर्षक -     *आओ सब मिलकर दिये जलायें*

हम दिव्य दिवाकर भारत के प्रकाश पुंज हैं ,जग को जगमग कर जायें

तन मन के सब तिमिर हटायें ,आओ सब मिलकर दिये जलायें

गौरव स्वाभिमान के धनी हैं हम, आओ ज्ञान विवेक के राजहंस बन जायें

दशों दिशाओं को आलोकित कर दें , शुभता सुचिता संस्कृति संस्कार के दिये जलायें

धरती पर नव नूतन सूर्य उगायें, जन मन में नवल मुकुल कमल खिलायें

द्वेष ईर्ष्या कुंठा शिव बन कर पी जायें, कंटक पथ के दूर करें संकट से मत घबरायें

तन मन के सब तिमिर हटायें आओ सब मिलकर दिये जलायें

तपह भूमि है कर्म भूमि है भारत मेरा, ज्ञान का तेल श्रम कर्म की बाती बन कर स्वयं को दिया वनायें

ईश्वर सिर्फ आकृतियां और आकार बनाता,हम सब मिलकर कर्तव्य प्रेरणा के स्त्रोत वनायें

तन मन के सब तिमिर हटायें आओ सब मिलकर दिये जलायें

शुभ दीपावली आयी है ऋद्धि सिद्धि अणिमा गरिमा ले आई है

गणपति रमा उमा ब्रह्माणी की शक्ति असीमित छायी है

शुभ अवसर पर भारत ने दिव्य दिवाकर की अनुपम महिमा गायी है

घर द्वार सब धवल स्वच्छ बने पृक्रति सृष्टि सुखदाई वरदायी है

हम निर्बल का बल निर्धन का धन बन कर देश का दारिद्र भगायें

तन मन धन सब स्वच्छ करें भारत का वैभव भाग्य जगायें

शुभ दीपावली आयी है प्रदूषण रहित उमंग भरा उल्लास मनायें

तन मन के सब तिमिर हटायें आओ सब मिलकर दिये जलायें

हम दिव्य दिवाकर भारत के प्रकाश पुंज हैं, जग को जगमग कर जायें


           जय भारत वन्दे मातरम्

चंद्र प्रकाश गुप्त "चंद्र" अहमदाबाद , गुजरात

**************************************मैं चंद्र प्रकाश गुप्त चंद्र अहमदाबाद गुजरात घोषणा करता हूं कि उपरोक्त रचना मेरी स्वरचित मौलिक एवं अप्रकाशित है।
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