कवि प्रकाश कुमार मधुबनी ‘चंदन’ जी द्वारा सुंदर रचना #बिरसा मुंडा

*स्वरचित रचना*

बिरसा मुंडा

*साप्ताहिक प्रतियोगिता*

*मंच को नमन*


जनजाति नहीं सम्पूर्ण 
जाति का मान बढ़ाया।
बिरसा मुंडा अपने 
उत्साह से माता पिता का 
नाम अमर करवाया।।

 धर्म परिवर्तन करना पड़ा 
जब बचपन में शिक्षा लेने को।
तब प्रण लिया माँ भारती हेतु
 अपना शीश देने को।।

भारत के क्रांतिकारी बिरसा 
  जनचेतना को जगाने को।
कर दिया आर्मी गोरिल्ला 
का निर्माण देश को 
आज़ाद कराने को।।


देश तब बढ़ सकेगा 
जब मानवता,हिंदुत्व जगेगा 
यही कहकर वो गए।
माँ भारती के लाल 
इस भूमि के लिए प्राण 
न्योछावर कर गए।।


हर समुदाय को प्रकृति 
का महत्व बताया।
इंसान व भाईचारे का 
संदेश सब तक पहुँचाया।।

केवल 25 वर्ष की उम्र
 में शरीर को त्याग दिया।
किन्तु आपका विचार 
अभी भी अमर है जो आपने 
समाज ने साक्षात्कार किया।।

आपके जन्मदिवस पर
 नमन आपको करते है।
आपके विचार से समाज 
को आगे लेकर जाएंगे
आज प्रण हम लेते है।।

*प्रकाश कुमार मधुबनी"चंदन"*

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