कवयित्री डाॅ०विजय लक्ष्मी द्वारा 'बिरसा मुंडा' विषय पर रचना

राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय बदलाव मंच
साप्ताहिक प्रतियोगिता
दिनांक-१७.११.२०२०
शीर्षक- *बिरसा मुंडा* 

आदिवासी जनजीवन के मसीहा,
नाम था जिनका बिरसा मुंडा,
१८७५ लिहातु (रांची) में जन्म हुआ,
सामाजिक समस्याओं का समाधान किया,

बिरसा थे भारतीय संस्कृति के पक्षधर,
नाकों चने चबाने पर,
अंग्रेजी हुकुमत को किया मजबूर
शोषण-अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाई,

सशक्त क्रांतिकारी की भूमिका निभाई,
कठोर संघर्षों से लोहा लिया,
"मुंडाओं का शासन वापस लायेंगें",
मन ही मन ये संकल्प लिया,

ऐसे ही एक वीर थे बिरसा मुंडा,
"अबुआ: दिशोम रे अबुआ: राज",
(हमार देश में हमार शासन)
का बिरसा मुंडा ने बिगुल फूंका,

हिंसा और मादक पदार्थों से,
मुंडा ने जन-जन को दूर रखा,
 बिरसा मुंडा साहस का एक नाम,
वीरता की अनूठी मिसाल,

बिरसा मुंडा जी को शत-शत हम,
हाथ जोड़ कर करें प्रणाम।

(स्वरचित)
डाॅ०विजय लक्ष्मी
काठगोदाम, उत्तराखण्ड

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