कवयित्री शोभा किरण जी द्वारा 'करवा चौथ का त्योहार' विषय पर रचना

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विशेष आयोजन
*करवा चौथ का त्योहार*

बादलों में ना छुप जाना
ऐ चंदा तू जल्दी आना।
मेहंदी भरे ये मेरे हाथ,
छूटे ना साजन का साथ,
बिंदिया,कंगन,चूड़ा, झुमके,
वारी जाऊँ सजना तुमपे।
बैठी किये सोलह श्रृंगार,
सदा सुहागन का उपहार,
आके चंदा तुम दे जाना।
ऐ चंदा तू जल्दी आना।
नीलगगन का राजकुवंर तू,
पर तु चंदा आसमां का,
इस धरती का चंदा प्रियतम
छलनी से रूप निहारु उसका।
लेकर खड़ी मैं छत पर करवा,
हाथों में पूजा थाल, दिए,
अपने जितनी उमर तू देना,
साजन मेरा सौ साल जिये।
आशीष यही तुम बरसाना,
ऐ चंदा तुम जल्दी आना।
बादल में ना छुप जाना

शोभा किरण
जमशेदपुर
झारखंड

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