वीणा की देवी#प्रकाश कुमार मधुबनी"चंदन" जी द्वारा खूबसूरत रचना#

*स्वरचित रचना*

वीणा की देवी
वीणा के धुन पर स्वर सजा दे।
मन में ज्ञान के ज्योत जगा दे।
भव से पार लगा दो मेरी नैया। 
ओ कमल आसानी शारदा मैया।।

थक गए है माँ भटक भटक कर।
अज्ञानता के भव में अटक कर।।
हमें अक्षर ज्योत में स्नान करा दे।
 देर ना तनिक लगाओ मेरी मैया।।

तू जीस पर कृपा करती माँ।
उसका जीवन सफल हो जाता।
 हर संकट से तर जाए वो तो।
मन से नही वो कभी घबराता।।

सातो सुर के संगम सिखा दो।
सातो सुर के संगम सिखा दो।
नृत्य सीखा दो ताता थैया।।

*प्रकाश कुमार मधुबनी"चंदन"*

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