कवयित्री डॉ. भावना सावलिया जी द्वारा प्यारी रचना

भाईदूज 

सृष्टि पर सर्व श्रेष्ठ है पवित्र-बंधन ,
भाईदूज का अनूठा प्रकाश-पर्व !
संसार में चाहे सर्वत्र हम   घूम ले
नहीं मिलेगा ऐसा कहीं अन्यत्र पर्व ।।
भाईदूज जीवन का अनमोल रत्न है ,
बहन भाई की खुशियों की धड़कन है ।
भाई बहन के जीवन का चाँद-सितारा है  ,
बहन भाई की खुशियों की बहती धारा है ।।
बहन भाई के मंगल भाग्य का कुमकुम है ,
भाई बहन की सुख-समृद्धि का धन है ।
बहन भाई को करती है प्रेम का तिलक  ,
मंगल आरती से सजता भाई का जीवन ।
प्रेम से खिलाती है भाई को मधुर भोजन ,
स्नेह से पुलकित होता है सारा तन-मन ।।
दिल का दीपक होता है प्रेम से प्रदीप्त ।
होता है मानो सारा जीवन पथ आलोकित । 
भाई- बहन  का है पवित्र अटूट बंधन ,
युग-युग से होता रहेगा यह पवित्र-बंधन ।।
यमराज-यमुना-सा बरसता रहेगा  स्नेह 
युगों तक भाई-बहन का पनपता रहेगा नेह ।।

डॉ. भावना सावलिया राजकोट गुजरात

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