सादर समीक्षार्थ
राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय बदलाव मंच,
सप्ताहिक प्रतियोगिता
दिनांक- 11 से 18 नवंबर 2020
विषय - दीपोत्सव
विधा - कविता
दीपोत्सव सब मिलकर मनाएँ
सभी मिलकर हम दीप जलाएँ
धरती से अंधकार मिटाएँ
जगमगाता प्रकाश फैलाएँ..।।
दीपोत्सव सब मिलकर मनाएँ
भूले- भटकों को राह दिखाएँ
अज्ञान तिमिर हम दूर भगाएँ
ज्ञान का हम प्रकाश दिखाएँ..।।
दीपोत्सव सब मिलकर मनाएँ
भ्रम न कोई भी मन में पालें
जन-जन के मन उत्साह भरें
सभी के मन विश्वास जगाएँ..।।
दीपोत्सव सब मिलकर मनाएँ
खुशियों से धरा को महकाएँ
जीवन सबका ही सफल बनाएँ
दिल न किसी का हम कभी दुखाएँ ..।।
दीपोत्सव सब मिलकर मनाएँ
दीपोत्सव सब मिलकर मनाएँ..।।
डॉ. राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
प्रमाणित किया जाता है कि, यह मेरी स्वरचित एवं मौलिक रचना है।
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