रश्मि मानसिंघानी जी द्वारा खूबसूरत रचना#

बाल कहानी             "   उड़ान"
                                  
एक चिड़िया अपने बच्चे को अपने साथ कई दिनों से उड़ना सिखा रही थी। आज उसने अपने बच्चे को खुले आसमान में अकेले उड़ान भरने के लिए कहा। बच्चा बहुत उत्साहित होकर पूरे जोश से उड़ा।  उसमें थोड़ी हिम्मत और विश्वास बढ़ा तो वह तेज़ चाल से और ऊपर उड़ा। वहाँ उसकी मुलाकात एक चमकते बादलों के समूह से हुई। चिड़िया के बच्चे ने बादल से कहा, " तुम मेरे पहले मित्र हो "  उससे  हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़ा तो वह बादलों के बीचोबीच से पार हो गया। बादल अपनी जगह से धीरे-धीरे खिसकते जाए।  चिड़िया का बच्चा उसके बीच मे से आरपार होता जाए । यह खेल काफ़ी देर तक चलता रहा। थक जाने पर मैं कल फिर से तुमसे मिलने आऊंगा ।यह कहकर चिड़िया का बच्चा वापस अपने घोसले में आ गया।  वापस आकर उसने पूरे दिन की बातें अपनी माँ को बताई।  चिड़िया माँ ने प्यार करते हुए अपने बच्चे को अपनी गोदी में बिठाया और बोली, " तुम्हारा दोस्त बादल बर्फ और पानी की छोटी बूंदों से बना है, वह ठोस नहीं है । बादल सफेद और भूरे रंग का होता है। उसका आकार भी बदलता रहता है । "
माँ की बातों कों सुनकर चिड़िया का बच्चा बोला, " माँ, तुमने मेरे दोस्त के बारे में इतनी अच्छी जानकारी दी,मैं कल फिर से उससे मिलने जाऊंगा । " चिड़िया माँ बोली, " अब तो तुम बड़े हो गए हो, खुले पूरे आसमान में कहीं भी उड़ सकते हो।" चिड़िया का बच्चा बोला, "मैं उड़कर कहीं पर भी जाऊं पर वापस तुम्हारे पास ही आऊंगा। " और थका चिड़िया का बच्चा अपनी माँ की गोदी में सो गया।
                                 ****
 हम इंसान भी अपने बच्चों को अच्छी उच्च शिक्षा और नौकरी के लिए दूसरे शहरों तथा दूसरे देशों में भेजते हैं मगर कुछ बच्चे अपने माता पिता जिन्होंने उन्हें हाथ पकड़ कर पहला कदम चलना सिखाया को भूल जाते हैं । बच्चे बहुत काम है, बहुत व्यस्त हूँ, छुट्टी नहीं मिल रही है कहते रहते हैं बूढ़ी आंखें उनके आने के इंतजार में पता नहीं कब हमेशा के लिए शांत हो जाती हैं। एक पल के लिए सोचिए क्या हम  सही कर रहे हैं?

 स्वरचित रचना
 रश्मि मानसिंघानी
 मस्कट, ओमान

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ