पति का प्रेम
इठलाती, बलखाती धरती ने पूछा आसमाँ से,
बोलो कितना प्यार करते हो मुझसे ?
आसमाँ ने कहा धरती से …
शब्दों में बयाँ नही कर सकता तेरी सुंदरता ।
तेरे आगोश में आने के लिए कितना तड़पता ?
दिन हो या रात, रहता हूँ तुझे ताकता,
तू सुबह की खिली धूप ओढ़े
या चाँद सितारो की चादर लपेटे ।
हर पल, हर क्षण तेरा रूप मुझे,
तेरी ओर खींचे और जब,
तेरे बिना रहा नही जाता तब,
अपना दिल चीर तुझे दिखाता ।
मेरा मन मयुर हो उठता, और
हवा व बारिश के रूप मे आके,
इतना प्यार करता हूँ तुझसे ॥
-अनिता पाण्डेय
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