कवि सुथार सुनील एच. "कलम" जो द्वारा रचना ‘सब मिलके नया साल मनाए'

सब मिलके नया साल मनाए....
रहे सलामत आप, सभी परिवारमें  खुशियां छाजाए 
नई सोच के साथ आप,  हर काम मुमकिन कर पाए 
महनत और काबिलियत से, अपनी  नई राह बनाये
नाम, काम, सम्मान और सीद्धि, हर वक्त मिल पाए 
हो बुलंद हौसला इतना की, आप आसमान छु जाए
कृपा गुरुदेव की, मात - पिताका आशीष मिल जाए 
नया साल आपके, अपनोके लिए,  खुशियां लेके आए
मिले इतना प्यार आपको, हर दिन खुशियां ही लहराए
है उम्मीद बस इतनी की, आप मजबुरका सहारा बने
दियो जैसे जगमगाए जिंदगी, उजाला दिल तक पहुंचाए
 हमारे  देश के जवानों को , हर परिवार प्यार बरसाए 
शहीदों के लिए दिया जलाएं, परिवार को अपना बनाए
कृपा रहे मां सरस्वती की,  बानी मिठी मधुर बन जाए 
"कलम" इतना प्यार मिले, हर दिलमे अपना घर बनाए 
                               सब मिलके नया साल मनाए

सुथार सुनील एच. "कलम"
एम.पी.सी.सी. भांडोत्रा, कम्प्यूटर शिक्षक
गांव-रानोल,  तहसील- दांतिवाडा ,बनासकांठा, गुजरात
sutharsuni01@gmail.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ