कवयित्री ऋतु प्रज्ञा जी द्वारा रचना ‘छठी मैया’ (मैथिली गीत)

छठी मैया (मैथिली गीत)

कर जोरि मिनती करैत छी, छठी मैया होइयो सहाय।
अहिंक चरण माथा टेकैत छी,छठी मैया होइयो सहाय।।
पवनैतिन करैत अछि गुहार,सिन्दूर के रखियो लाज
नारियल लेने कोढिया अछि ठाड़,काया दियौ करै लेल काज
कर जोरि मिनती...... . .  ...।
अहींक चरण माथा ....  ....  ...........।।
आँचर पसार बाँझिन कानैथ, भरि कोरा दियो ललना
भीख माँगि निर्धन पावनि करैथ,भरि दियौ अन्नधन अंगना
करि जोरि मिनती.................... ।
अहींक चरण माथा. ................।।
अन्हरा भटकैत अछि दुनिया मे, ज्योत द रखियौ हाथ शीश
जगमग घाट सजबैत छथि बालक, दियौ विद्या के आशीष
कर जोरि मिनती करैत छी,छठी मैया होइयो सहाय।
अहींक चरण माथा टेकैत छी,छठी मैया होइयो सहाय।।
             रीतु प्रज्ञा
     करजापट्टी, दरभंगा, बिहार
     स्वरचित एवं अप्रकाशित

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