गरिमा विनित भाटिया जी द्वारा खूबसूरत रचना#

नमन बदलाव मंच

अखबार 
कुछ सफेद कागजों पर काली काली स्याही से 
छपी कुछ रंग बिरंगीं खबरें  और इश्तिहार 
कुछ आज की बात तो कुछ पुरानी सी याद 
कुछ थी अनुमानित आने वाले कल केे साथ 
कागजों की लिखावट को सन्जोये ,
तैयार था एक नामी अखबार 
जी हाँ अखबार
अखबार की कहानी है कई हजार 
किसी का इसपर सजा नाम हुआ 
कोई इसके जरिये बदनाम हुआ
समय की बदलती घड़ी की सुइयो में 
अखबार का जिक्र बार बार  हुआ 
कभी इसे कल की बासी खबर नाम से जाना गया 
कभी आज की ताज़ा खबर से पहचाना गया 
जी हाँ अखबार
अखबार खोलता राज के बेहिसाब ताले 
किसी के चरित्र के अनगिनत जाले 
तो किसी के हुनर के किस्से निराले 

गरिमा विनित भाटिया 
अमरावती महाराष्ट्र

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