प्रीति शर्मा "असीम" जी द्वारा खूबसूरत रचना#

छठ व्रत करते हैं। 


हे! सूर्य देव

प्राणों के वेग, 

हम प्रणाम करते हैं ।


छठ व्रत करते हैं ।


जीवन को तुम ही,

प्रकाशित करते हो।


चर -अचर जीवन का,

तुम ही संचालन करते हो।


जीवन को,

ज्ञान और आशा से,

परिभाषित करते हो।


नित उठ हम आपका

वंदन करते हैं ।

आभार व्यक्त करते हैं ।

तुम्हें प्रणाम करते हैं ।


छठ व्रत करते हैं ।


उर्जा का तुम स्रोत

किरणों से ,

जगत को करते ओतप्रोत।


नित -नित हम 

वंदन करते हैं ।

हम छठ व्रत करते हैं ।

रहे तुम्हारा आशीर्वाद

यहीं शुभ मंगल गान करते हैं । 

 स्वरचित रचना

        @प्रीति शर्मा "असीम"

 नालागढ़ हिमाचल प्रदेश

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