कवि स्वप्निल जैन (छिन्दवाड़ा) जी द्वारा रचना “शीर्षक :- पुरुषों का योगदान”

बदलाव मंच को सादर नमन।

शीर्षक :- पुरुषों का योगदान।
दिनांक :- 19/11/2020
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यूँ तो अब हर क्षेत्र में महिला भी जानी जाती है
पर फिर भी तुलना में पुरुष समान बखानी जाती है।

राम, कृष्ण , हनुमान सभी बलवान पुरुष कहलाये।
हम सबके आराध्य हुए पूज्य भगवान कहलाये।

राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह कई योद्धा बलिदान हुए।
अपने हिंदुस्तान पे ये वीर पुरुष कुर्बान हुए।

अहिंसा का घोष किया, उद्घोष स्वराज का करते थे।
प्यारे उन बापू गांधी जी के पौरुष पर सब नाज करते थे।

इतिहास गवाह है पुरुषों ने हर क्षेत्र में अपना नाम किया।
नये नये कीर्तिमान बनाये जग में भारत का नाम किया।

पुरुष दिवस पर ये पुरुषों की मेहनत और शौर्य गीत की है प्रस्तावना।
सुखमय रहे खुशहाल सभी का जीवन हो यही "स्वप्निल" की भावना।

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रचनाकार:- स्वप्निल जैन (छिन्दवाड़ा)
स्वरचित रचना:- पुरुषों का योगदान।
स्वरचित एवं मौलिक रचना।

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