कवि अशोक शर्मा वशिष्ठ द्वारा 'करवा चौथ' विषय पर रचना

करवा चौथ

   करवा चौथ का त्योहार
महिलाओं का विशेष त्योहार
महिलाएं करें बेसब्री से इंतजार
यह त्योहार खुशियां देता अपार

     सुहागनें करें सौलह श्रृंगार
पति को रिझाएं और पाएं साज़न का प्यार
पति भी करता प्यार का इजहार
दोनों का बढ़ता आपसी प्यार

    करवा चौथ सब्र और त्याग का त्यौहार
पत्नी उपवास रखती रहती निराहार
पानी भी न पीती, देती अनमोल उपहार
करवा चौथ का ब्रत देता संयम और संस्कार

   पूरा दिन ब्रत रखती
पति की दीर्घायु की मंगल कामना करती
भूखी प्यासी हैं यह रहती
फिर भी कभी नहीं है थकती
देता भगवान  इन्हें सहने की शक्ति

        चांद को अर्घ्य दे कर उपवास का करें समापन
पति के साथ मिल कर चांद का करे उध्यापन

करवा चौथ का पर्व महान
नारी जाति की है शान
बढ़ाए सदा महिला का मान
बना रहे उनका सम्मान

          अशोक. शर्मा वशिष्ठ

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