स्वरचित बाल गीत
मेरे दादा , मेरे दादा
सबसे प्यारे मेरे दादा
जो चाहूँ वो करते हैं
नित्य नए खिलौने दिलाते हैं
.जो भाता वो खिलाते हैं
...मन पसंद कपड़े दिलाते हैं
बहुत प्यार वो करते है
... नित्य वो मंदिर जाते हैं
...कभी कभी मुझे ले जाते हैं
सत्य अहिंसा ही धर्म है
हमको रोज समझाते हैं
जब हम रूठ जाते
छाती से चिपकाते हैं
कभी कभी हम खुश होकर
उनके पाँव दबाते हैं
अपने नन्हे हाथों से जब
. उनका माथा सहलाते हैं
खुश हो लिपटा सुलाते हैं
नई नई कहानी सुनाते हैं
चन्दा मामा कॊ दिखा दिखा
नई नई लोरी सुनाते हैं
"लक्ष्य" सबसे प्यारे मेरे दादा
मेरे दादा मेरे दादा
वो मेरे पापा के पापा
मेरे दादा मेरे दादा
.....................निर्दोष लक्ष्य जैन
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