आदरणीया आरती तिवारी सनत जी द्वारा अद्वितीय रचना#

मंच नमन बदलाव अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय मंच
एक दिवसीय प्रतियोगिता

*आत्मनिर्भर भारत की उड़ान*
*विज्ञान एवं तकनीकी में योगदान*


इस धरा पर भारत जैसा देश नहीं
सदियों से भारत आत्मनिर्भर..
सोने की चिड़िया था हमारा यह देश..
अंग्रेजों  मुगलों ने आक्रमण कर लूटा..
भारत की धरा भूमि में संपदाओं का खजाना..
भारत की प्रकृति में अनमोल जड़ी बूटियां..
भारत का विज्ञान सदियों से था आगे..
मेरे भारत ने दशमलव   शून्य दिया..
बिना घड़ी के भी समय का ज्ञान..
जंतर मंतर बना दिल्ली में..
भारत की विभिन्न प्राचीन शिल्प कला मंदिर वास्तु पर निर्मित..
भारत के चारों वेदों में छुपा है ..
अनेकों ज्ञान विज्ञान का रहस्य..
आयुर्वेद सदियों से भारत में..
मानव के स्वास्थ्य का सर्वोत्तम सूत्र..
फिर से मान भारत ने अपने को स्थापित किया..
आत्मनिर्भर भारत की उड़ान..
विज्ञान और तकनीकी में आगे..
अपने कदम बढ़ाए हैं..
भारत दूसरे देशों पर निर्भर नहीं..
हर क्षेत्र में विज्ञान हो या तकनीकी..
वैदिक युग में नारी आज के भी युग से ज्यादा स्वतंत्र थी..
पुष्पक विमान भारत में रामायण में वर्णित...
आत्मनिर्भर भारत का दुनिया में परचम 
लहराया..
आज भारत विश्व गुरु बना है...
दुनिया ने माना  भारत भारतीय संस्कृति का लोहा..
आत्मिक मनोबल आत्म संयम..
आत्म विश्वास कड़ी मेहनत लगन..
हम भारतीय संस्कृति की परंपरा..
आत्मनिर्भर भारत दुनिया में..
सबसे आगे बढ़ते हुए निरंतर सफलता
हासिल होती सब जानते भारत को..
आत्मनिर्भर भारत की उड़ान ..
आसमां को छूने वाली...!!


आरती तिवारी सनत
©® दिल्ली

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