कवि अनिल मोदी द्वारा रचित शायरी

तिथि 02 - 12 - 2020
चंद शायरी जो मेरा पहला प्रयास है ।
------------------------------------------

लिखते लिखते गीत प्यार में डूबा तेरे।
इक तरफा प्यार है, कैसे पाउं किनारे।
हर एक गीत मेरा इक नाम तेरा पुकारे
अब बता तु ही कैसे पाउं किनारे।।
आने को किनारे हाथ पांव मार रहा हूं।
दे दे सहारा आकर तुझे पाने को तरस रहा हूं।

तरसते तरसते हलक मेरा यूं सूख रहा है
प्यासे की प्यास बुझादे सांसो का तार टुट रहा है।
अनिल मोदी, चेन्नई

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ