स्वप्निल जैन(छिन्दवाड़ा) जी द्वारा खूबसूरत रचना#

बदलाव मंच अंतराष्ट्रीय व राष्ट्रीय को सदर नमन।
बदलाव मंच विशेष एक दिवसीय प्रतियोगिता 

विषय  :-आत्मनिर्भर भारत की उड़ान
विज्ञान एवं तकनीक में  योगदान
दिनांक:- 08/12/2020
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धर्म कला का देश है ये
विज्ञान यहाँ से उपजा है
कला संस्कृति खान है ये
भारत देश महान है ये

गणितीय गणनाओं को करने
शून्य यही से मिलता है
तकनीकी गणनाओं में 
अपना स्थान रखता है।

बाइनरी डिजिट से कोड न बनता
शून्य यदि ना मिलता तो
कंप्यूटर का ज्ञान ना मिलता 
जीरो का संगम ना मिलता तो

शिक्षा की क्या बात करें
आत्मनिर्भरता यही से आयी है
इतिहास गवाह है,भारत की धरती 
आश्रम से ज्ञान कराती आयी है।

बड़े बड़े ऋषि मुनि हुये
वेदों शास्त्रों का ज्ञान कराते थे
नाड़ी का भी ज्ञान कराते 
चिकित्सा पद्धति का भी 
ज्ञान कराते थे।

आज की युग की बात करें
तो भारत ने महती योगदान किया
तकनीकी को उन्नत करने
कलाम जैसे कई आविष्कारकों ने
अपना जीवन दान किया।

अग्नि जैसी मिसाइल बनादी
विश्व में भारत का नाम किया
हर युवा के हाथों में
उन्नत जीवन की डोरी थमा दिया।

भारत का हर युवा अब
तकनीकी युग में जीता है
गर बात करे वो अंबर की
टेलिस्कोप भी हाथ में रखता है

भारत का हर युवा अब 
वैज्ञानिक युग में जीता है
झाड़ फूंक की बात ना करता
डॉक्टर की बात करता हैं

भारत ने ही विश्व जगत को
बड़े बड़े आदर्श संस्थान दिए
नालंदा जैसे ही कई कई
शिक्षा के संस्थान दिए।

भारत का अब बच्चा बच्चा
आधुनिकता की दौड़ में आगे है
विज्ञान और तकनीक जगत में
अपने पैर पसारे हैं

इन्ही सभी के योगदान से 
भारत इतिहास बनाता है
आज हमारा प्यारा भारत
आत्मनिर्भर कहलाता है
आत्मनिर्भर कहलाता है।

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स्वरचित एवं मौलिक रचना
रचनाकार:- स्वप्निल जैन(छिन्दवाड़ा)
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