भास्कर सिंह माणिक, कोंच जी द्वारा खूबसूरत रचना#

मंच को नमन
 तन मन अर्पित कीजिए, आप वतन के नाम।
सारे जग में पाइए, बंधु आप सम्मान।।
बंधु आप सम्मान, गाएं दुश्मन  गुणगान ।
चल सच की राह पर, कहलाए भगत महान ।।
जो जन रखते जगत में, बहती नदी सा मन ।
वतन पर वे ही करते, समर्पित तन मन धन ।।

हंँस फंदे चूम लिए, जय भारत मां बोल ।
जो आजादी दे गए , बोलो जय दिल खोल।।
बोलो जय दिल खोल,जय वीर जवान किसान  ।
आजादी हित दिया, सुभाष ने जीवन दान।।
अहम कभी मत पालिए, मिट हैं रावण कंस ।
इतिहास वह रचते हैं , जो रण बढ़ते हंँस ।।

   मौलिक
       भास्कर सिंह माणिक, कोंच

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