निर्मल जैन 'नीर' जी द्वारा अद्वितीय रचना#

बदलाव मंच
(राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय)
आत्मनिर्भर भारत की उड़ान...
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हटी कालिमा
आत्मनिर्भरता की
छाई लालिमा
सबका साथ~
आत्मनिर्भरता से
होगा विकास
बढ़ता चल~
स्वावलम्बन सीढ़ी
चढ़ता चल
वक्त की मांग~
आत्मनिर्भरता में
न खींचों टांग
पराई आस~
सदैव है करती
हमें निराश
ऊँची उड़ान~
विज्ञान तकनीक
में योगदान
समृद्ध राष्ट्र~
विश्व पटल पर
सशक्त राष्ट्र
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निर्मल जैन 'नीर'
ऋषभदेव/उदयपुर
राजस्थान

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