सीमा पासवान जी द्वारा अद्वितीय रचना#

नमन मंच 
आत्मनिर्भर भारत
भारत सारा गूंजा हैं 
स्वदेशी के नारो से 
मिल मान बढ़ायें
शान से अपनायें देशी 

मिट्टी से जुड़े रहना 
यही नियत हमारी 
मातृभूमि के ख़ातिर 
प्राण भी करे न्यौछावर 

अब देशी पर निर्भर 
तब बने आत्मनिर्भर 
देशी खान पान संग 
ख़ुद को स्वस्थ करो 

चलो अब खेत खलिहान
संग कुटीर उधयोग 
को भी बढ़ाएँगे देखना 
ख़ुशहाली भी लहलहएँगे

पहनावा भी देशी हो 
कुछ ऐसे ब्राण्ड अपनायें
देश की बनी परिधान 
को ख़ुशी से अपनाएँगे 

विदेशी अब नहीं स्वीकार 
देशी से हुआ बहुत प्यार 
देश की समृधी के ख़ातिर 
अब देशी ही अपनाएँगे 

अब नमस्ते प्रणाम संग 
करेंगे सभी का सम्मान 
हाई हेलो से नहीं सरोकार
अपनी संस्कृति से प्यार 

तन से मन से स्वदेशी 
भाषा शैली भी हो देशी 
त्यागना है जब विदेशी 
दिल से बनो भारतवासी 

आत्मनिर्भरता अपनायें
क़दम दर क़दम बढ़ायें
देश की शान स्वदेशी 
चलो शान से अपनायें 

स्वरचित - सीमा पासवान

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