कवि प्रेम कुमार कुलदीप द्वारा 'संविधान' विषय पर रचना

नमन बदलाव मंच - 

संविधान  दिवस पर  संविधान की विशेषताओं को दर्शाती हुई मेरी स्वरचित  रचना प्रस्तुत  हैं: 

प्रेम कुमार कुलदीप : 
रावतभाटा राजस्थान 

  "भारत का संविधान"

कितना अद्भुत कितना अनुपम 
सब ग्रंथो से है सर्वोत्तम 
यह पौराणिक सा कोई ग्रंथ नहीं 
यह आधुनिक नव ग्रंथ है 
यह भारत का संविधान है।

कितना अद्भुत कितना अनुपम 
यह मेरे भारत का संविधान है....  

दुनिया में सबसे विस्तृत है यह 
भारत का लिखित संविधान 
लोकतंत्र के तीनो स्तंभों का 
सच्चाई से करता निर्माण  
यह मेरे भारत का संविधान है.... 

22 भाग 395 अनुच्छेद 
अनुसूचियां है इसमें 8 
172369 शब्द है इसकी जान 
यह मेरे भारत का संविधान है.... 

अम्बेडकर जी का अथक परिश्रम 
और इसमें लगी है उनकी जान  
2 वर्ष  11 माह 18 दिन में 
हुआ है इसका निर्माण 
यह मेरे भारत का संविधान है...... 

देता है सबको समान नागरिकता 
करता नहीं पक्षपात  
देकर मौलिक अधिकार सभी को 
सबका करता है यह सम्मान 
यह मेरे भारत का संविधान है.... 

सब भाषाओँ को संग लिए यह 
हिंदी का रखता है मान 
और कर्तव्यों का आभास करा कर 
करता है राष्ट्रभक्ति का गुणगान 
यह मेरे भारत का संविधान है.... 

प्रस्तावना है संविधान की अनोखी 
जो जनता पर है सदा समर्पित 
न्याय, समता, स्वतंत्रता और बंधुता का 
सबको देती है यह आव्हान 
यह मेरे भारत का संविधान है.... 

विशेषताओं से सज्जा यह संवरा  
सबको देता है अधिकार 
और जाति-धर्म के बिना भेद के 
सबका करता है सम्मान 
यह मेरे भारत का संविधान है.... 

अगर करना है नव भारत का निर्माण 
तो संविधान का सबको रखना है मान  
अधिकारों के संघर्ष के संग 
कर्तव्यों का भी रखना है ध्यान 
यह मेरे भारत का संविधान है.... 

इस संविधान का आदर करना
हम सब का कर्तव्य है  
और सच्चे मन से इसका पालन  
हर भारतवासी का दायित्व है 
यह मेरे भारत का संविधान है.... 

जय भारत  जय संविधान 
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प्रेम कुमार कुलदीप
रावतभाटा राजस्थान 
 

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