निर्दोष लक्ष्य जैन जी द्वारा अद्वितीय रचना#

इतिहास दोहराएगा
  सत्य घटना पर आधारित मेरी लघु कथा 
  कुछ दिन पूर्व एक दोस्त से मिलने दिल्ली गया । 
  मेंरे बचपन का दोस्त था । दोनों पत्ति पत्नि 
  बहुत खुश हुए बहुत आदर सत्कार किया मुझे 
 भी उनसे मिलकर काफी आनंद का अनुभव हुवा । 
  काफी अछा मकान जायदाद हर तरह से संपन्न । 
 बातों का सिलसिला चला कुछ पुरानी यादें दोहराई 
 गई एकाएक पूछ बेठा भाई बच्चों के बारे में बताओ 
सब कहाँ है ओर क्या कर रहे है । 
 सुनकर उन दोनो की आँखे भर आई , में धक रह
 गया ये क्या मेरी बात से उन्हे दुःख हुवा । में बोला 
 भाई क्या बात सब कुशल तो है । 
 कहने लगा दो लड़के एक लड़की है तीनों पढ़ने 
अमरीका गए , वही बस गए , शादी कर ली ओर अब 
तीनों के दो दो बच्चें है । हमने किसी कॊ नही देखा 
जिसे भी देखा मोबाइल पर सारे रिश्ते मोबाइल पर 
बेटा बेटी बहू दामाद पौत्र पौत्री नाती सब मोबाइल पर  पहले कभी कभी बात होजाती थी अब बहुत दिनों से बात भी नही होती । हमने तो सोच लिया है यार 
 सब जमीन जायदाद ट्रस्ट कॊ देदेगे । अगर में पहले मर जाऊँ तो ये मुझे अग्नि देगी , ओर ये मर जाए  पहले तो में इसे अग्नि दूँगा । आँखे भर आई मेरी 
आज के हालात पर । 
    युवाओ होश में आओ यूँ बुढ़ापे में माँ बाप कॊ ना 
 ठुकराओ इनके कदमों में जन्नत है मानलो , आज 
 इनका कल तुम्हारा होगा इतिहास दोहराएगा जब 
 तेरा बच्चे बढ़े होंगे । बहुत पछताओगे बहुत ढूँदोगे 
 पर माँ बाप ना मिल पाएंगे । इतिहास दोहराएगा ॥ 
                
                निर्दोष लक्ष्य जैन 
                     धनबाद झारखंड

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