रंजना बिनानी जी द्वारा अद्वितीय रचना#

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच
 साप्ताहिक प्रतियोगिता
दिनांक-21/12/2020
विषय- "शिक्षा के क्षेत्र में बढती आत्मनिर्भरता"
विधा-काव्य
 आज शिक्षा का हो रहा ,व्यापक विकास,
 मानव सब आत्मनिर्भर,  हो रहे खास..।
 ऊंची ऊंची डिग्रियों की ,होड़ा होड़ी हो रही है आज,
 आत्मनिर्भर बन रहा है ,आज का युवा समाज।

व्यथित है तब भी ,कुछ युवा आज...,
बेरोजगारी उनके लिए ,बनी है अभिशाप।
ऊंची डिगरिया ,पड़ी है  आज बेकार..,
निराश हो आत्महत्या ,कर रहा है युवा आज।

बचाना होगा युवा पीढ़ी के, हौसले को खास,
 निराशा व खुदकुशी, नहीं है इसका इलाज।
आशावान बन आत्मबल ,बढ़ाना होगा आज,
हार के बाद ,आती है जीत,समझना होगा युवा वर्ग को आज।

शिक्षा के चलते हो रहा है ,आज भारत का विकास,
 नई नई तकनीकी निकली है,हो रहे नए नए अविष्कार।
 भारत मे भी कंपनियां ,नित नये कर रही है चमत्कार,
शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, का परचम फैलाएंगे करते हैं ये ऐलान।


स्वरचित
रंजना बिनानी
गोलाघाट असम

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