बाल रचनाकारा सुदिति पन्त द्वारा 'प्यारे किसान' विषय पर रचना

साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु

नमन बदलाव मंच
किसान पर कविता

प्यारे किसान

प्यारे किसान प्यारे किसान 
हरदम करते रहते काम 

मुझको मालूम है यह बात
 नहीं है आपके जीवन में आराम

 आप उगाते अन्न और पौधे
 आंधी तूफान नहीं आपको रोके

 कृषक करते हमारे लिए बहुत कुछ लेकिन उनके जीवन में भी  कई दुख

 इनके दुख का भागीदार हम नहीं
 फिर भी इन की लगन होती कम नहीं

 प्यारे किसान प्यारे किसान 
हरदम करते रहते काम 

जब हम करते घर पर आराम
 तब भी करते रहते आप खेत पर काम

 किसान तो भगवान का रूप है
 खेत में ही रहते सदा चाहे कितनी भी धूप है 

किसान अगर कभी रूठ जाए
 जीवन होजाएगा बेहाल

 यह तो हमारे हैं अन्नदाता 
पिता ,मित्र ,परिवार, सम दाता भ्राता

 सर्दी बरसात हो कोई भी मौसम
 कोई भी इन को रोक ना पाता

 हमारी आन बान शान किसान
 जय किसान जय जय हो किसान 
तू तो है सबसे महान 

जय किसान जय किसान तुझ को मेरा नमस्कार बार-बार मेरा नमस्कार धन्यवाद
सुदिति पंत
उम्र 8 वर्ष
स्वरचित

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ