शील चन्द्र जैन शास्त्री जी द्वारा अद्वितीय रचना#

नव-वर्ष की मंगल शुभकामनाएं 
आने वाले नव-संवत्सर ! करना बस इतना  उपकार ।
कोरोना भय भूख व्याधि के , लाना रामबाण उपचार ।।
तन को वस्त्र ,भूख को रोटी , मेहनतकश को लाना काम ।
निर्धन को धन , बेघर को घर , भटके हुए को मिले मुकाम ।
कहीं किसी मुफलिस की रोटी , निगल न पाए भ्रष्टाचार ..आने वाले नव-संवत्सर ...1

हरी भरी फसलें लहराएं , रहें प्रफुल्लित सभी किसान ।
राष्ट्र-प्रहरी को शक्ति लाना , सीमा पर चौकस रहें जबान।
सीमाएं देश की रहें सुरक्षित , चौकन्ने हों चौकीदार ..आने वाले नव-संवत्सर ..2..

रहें स्वतंत्र श्रृष्टि के खग-कुल , छेड़े अपनी मीठी तान ।
खुली हवा में अठखेलीं कर , उन्मुक्त गगन 
में भरे उड़ान ।
नन्हीं चिड़ियाँ 'शील' बाज की, बन न पाएं कभी शिकार .आने वाले नव-संवत्सर ..3

शील चन्द्र जैन शास्त्री 
ललितपुर ,उ0प्र0 (भारत)

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ