*नमन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बदलाव मंच*
*साप्ताहिक काव्य /काव्य गद्य प्रतियोगिता*
*अवधि - 29 दिसंबर 2020 से 5 जनवरी तक*
*दिनाँक - 31.12.2020*
*विषय - नया साल नए संकल्प 2021*
*विधा - कविता गीत*
2021 का नया साल आया रे
नव खुशियां नव ऊर्जा का
संचार लाया रे
बीत रहा ये साल इसने
खूब रुलाया रे
अपनों से भी दूर किया
बड़ा छलाया रे
उम्मीद के दामन में
कई खुशियां होती है
आसमाँ छूने की दिल में
चाहत होती है
उड़ रही पतंगे
प्रेम की डोर लाया रे
नव खुशियां नव ऊर्जा का
संचार लाया रे
ढ़ोल नगाड़े बाजे संग
सब झूमते जाते हैं
साज उठाकर नग्मे
सब दिल से गाते हैं
उठ रही तरंगें
नया गीत सुनाया रे
नव खुशियां नव ऊर्जा का
संचार लाया रे
दीप जले आँगन में
जग का उजियारा हो
कोरोना महामारी का
अब तो निपटारा हो
सबल निरोगी काया
आनंद मनाया रे
नव खुशियां नव ऊर्जा का
संचार लाया रे
महफ़िल में सजे रौनक
बिखरे प्यार के मोती
खुशबु से घर महके
ये जीवन की ज्योति
प्रेम की थपकी से
अरमान सजाया रे
नव खुशियां नव ऊर्जा का
संचार लाया रे
2021 का नया साल आया रे
नव खुशियां नव ऊर्जा का
संचार लाया रे
बीत रहा ये साल इसने
खूब रुलाया रे
अपनों से भी दूर किया
बड़ा छलाया रे।
मौलिक एवं स्वरचित रचना
*मधु भूतड़ा*
*गुलाबी नगरी जयपुर से*
#ekpehalbymadhubhutra
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