बृंदावन राय सरल सागर एमपी जी द्वारा अद्वितीय रचना#

नए वर्ष में ,,,,,,

बृंदावन राय सरल सागर एमपी
31/12/2020
नए वर्ष पर गीत,,,,,
नए वर्ष में हम सब सोचें, कैसे
हमको रहना है।।
जु़ल्म,सितम, आतंक किसी का
हमें न हरगिज सहना है।।

कोरोना से बचकर जीना, मर्यादा
पालन करना।
अपने सच को जिंदा रखने,रूह में
दर्पण को भरना।

नए साल में आप सभी से,ऐसा अपना कहना है।।
ज़ुल्म सितम आतंक किसी का हमें न हरगिज सहना है।।

आंधी आए तूफां आए,या आए
कोई आफ़त।
हम सब मिलकर करें सामना,दिल
में रखें नहीं नफरत।

सरिता जैसे लक्ष्य साधकर, हमको  अविरल बहना है।।
ज़ुल्म सितम आतंक किसी का हमें न हरगिज सहना है।।

नए साल में  कोरोना से, भारत
मुक्त कराएं हम।
पहिले जैसे गीत खुशी के,भारत भर में गाएं हम।

सत्य अहिंसा नेह आज भी,इस भारत का गहना है।।
ज़ुल्म सितम आतंक किसी का, हमें न हरगिज सहना है।।

नए वर्ष में हम सब सोचें , कैसे हमको रहना है।।
ज़ुल्म सितम आतंक किसी का , हमें न हरगिज सहना है।।

बृंदावन राय सरल सागर एमपी

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