साधना मिश्रा विंध्य जी द्वारा अद्वितीय रचना#कविता#

बदलाव राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंच

साप्ताहिक प्रतियोगिता हेतु सादर प्रेषित

दिन- रविवार
दिनांक- 2 /1/ 2021
विधा- कविता
विषय - 
*नया साल नए संकल्प* 2021
स्वच्छता आत्मनिर्भरता का जो पाठ पढ़ाया कल ने
उसको याद रखना है आने वाले पल में।

जिंदगी से पहले स्वयं को बेहतर बनाना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।

साथ सब मिलकर रहे यही प्रण उठाना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।


खुशियों के साथ उज्जवल कल बनाना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।

साहस भर उम्मीदों को आगे बढ़ाना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।

नए लक्ष्य की पूर्ति को कदम बढ़ाना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।


सफलता सुख समृद्धि पर नहीं इतराना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।

ताकि अपने खुश रहे दुख सबका मिटाना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।

भावी पीढ़ी से बोध संस्कृति का  कराना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।


प्रकृति का संरक्षण रक्षण स्वयं हमारा है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।

नशा मुक्त भारत का संकल्प उठाना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।

आत्मनिर्भरता के फूलों से क्यारी सजाना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।

दुर्गुणों को दूर कर श्री यश बढ़ाना है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।


हार से भी जीत कर एक पहचान बनाना है
सर्वजन हिताय को सर्वदा अपनाना  है।

तन मन धन से यही दृढ़ संकल्प हमारा है
विश्व पटल पर भारत का परचम लहराना है।

साधना मिश्रा विंध्य
उत्तर प्रदेश लखनऊ

मैं साधना मिश्रा विंध्य यह प्रमाणित करती हूं कि यह स्वरचित मौलिक अप्रकाशित रचना है।

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