मीनू मीना सिन्हा मीनल विज्ञ जी द्वारा अद्वितीय रचना#

राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय *बदलाव मंच*
 साप्ताहिक प्रतियोगिता 
विषय  नया साल नया संकल्प 2021
दिनांक.  28 12. 2020
विधा कविता
नया साल नया संकल्प 2021

नववर्ष में नूतन मन हो ऐसी अपनी चाहत हो ।
बीती को बिसरा दें हम ,मन क्यों अपना आहत हो ।।

काल चक्र है चलता रहता ,आना जाना है भरमाता ।
क्यों रुककर हम शोक मनाएँ, बीता वक्त न वापस आता ।।

यह तेरा है यह मेरा है, खत्म कहानी  आज करें ।
सारे सगे-संबंधी अपने ,चलो नई शुरुआत  करें।।

प्यारी सुंदर धरती अपनी, प्यारा गगन  हमारा है ।
बेमतलब बतियाते रहते,  मेरा और तुम्हारा है ।।

आओ ,करें नव वर्ष का स्वागत, नाचें-गाएँ खुशियांँ मनाएंँ ।
दुख भी काटें अपने होकर, समरसता के भाव जगाएँ।

*नया साल नया संकल्प हो* ,ऐसा दृढ़ विश्वास हमारा।
दो हजार इक्कीस  शुभ हो, प्रभु का हरदम रहे सहारा।।


नव वर्ष मंगलमय हो सबका ,  *मीनू*  मांँ से  मनाती है।
प्यार- विश्वास फले -फूले ,आशा का दीप जलाती है।।


रोग- शोक भय दूर रहे, सुखमय जीवन हो जग सारा ।
खुशियों के झोंके सहलाएँ, झूमें धरती चांँद- सितारा ।।

हे जगदंबा  कर अनुकंपा , तेरे ही बच्चे हैं सारे ।
दया दृष्टि तुम हरदम रखना, सबका कर दो वारे -न्यारे ।।

स्वरचित व मौलिक
*मीनू मीना सिन्हा मीनल विज्ञ*
राँची,झारखंड

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