निर्मल जैन 'नीर' जी द्वारा अद्वितीय रचना#

सावित्री बाई फुले....
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नारी महान~
सावित्री बाई फुले
कोटि प्रणाम
जागृति लाई~
प्रथम थी शिक्षिका
सावित्री बाई
था अनुरोध~
सदा कुप्रथाओं का 
किया विरोध
बढ़ती गई~
खा के पत्थर नींव
गढ़ती गई
किया सुधार~
नारी जगत पर
था  उपकार
धरा सा धीर~
समाज सुधारक
नारी की पीर
अद्भुत गाथा~
उनके चरणों में
झुकता माथा
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निर्मल जैन 'नीर'
ऋषभदेव/उदयपुर
राजस्थान

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