श्रीमती देवंती देवीचंद्रवंशी जी द्वारा अद्वितीय रचना#नए साल#नए लक्ष्य#

(राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय )बदलाव मंच नमन 
सप्ताहिक प्रतियोगिता 
विद्या कविता
31 12  2020
 कविता
नया साल आपको कोटी कोटी   चरण वंदन
चांद सितारे राह निहारे करते हैं वो अभिनंदन

उड़ते आकाश में रंग केसरिया करे आपको नमन 
आपके आने से ऐ धरती पर हो जाएगी चमन

दुनिया वाले  आॅखें बिछाए हैं दर्शनआपके
और आप जल्दी आते नहीं  रखते हो कदम नाप के

दूर हटो तुम काल करोना आ रहा मेरा नया साल सलोना
रंग बिरंगी खुशियां होगी लौट आयेगा टूटा खिलौना

करोना तेरा मौत नहीं आया तुम  काल बनकर आया
करोना तू मौत बनकर आया है पूरे देश को रुलाया है

बिस बिस का साल करोना तेरे यह  नाम रहा
तेरे कारण ही अपने परी परिजन से दूर रहा

21वीं सदी उज्जवल भविष्य ,हम सबका कहलाएगा
हर घर में खुशियांली होगी और रामराजा आ  जाएगा

नई सवेरा नई उजाला देखो अब जग में आने वाला है
प्रेम भरा  सद्भावना का प्याला संग में लाने वाला है

रेल के पटरी पे करोना तुम चुपके चुपके आया था
असहाय नींद में डूबे लोगों को तुमने ही खाया था

जन से घर खाली हुआ,आन्न से भी  खाली हुआ 
कितने का सिंदूर उजड़ा,कितने   गोद खाली हुआ

बहुत हुआ अब दूर हटो तुम, बिस बिस साथ लिए जा
अब कभी भी लौट के  नहीं  आना यह प्रण किए जा

चल मेरे भाई बहनां करोना को हम सब  दूर भगाएं 
नए साल का स्वागत करने आगे को कदम बढ़ाऐं

लेखिका
श्रीमती देवंती देवीचंद्रवंशी
धनबाद झारखंड
 31 12  2020

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