श्रीमती देवन्ती देवी चंद्रवंशी जी द्वारा#भोर का नमन#

विषय__ भोर का नमन
विधा_______ कविता
हे भगवान इतना वर दो
मुझ पतित मानव को
मानव को पुर्ण ज्ञान
जो प्राप्त ना हो पाया
पीड़ितों को कल्पवृक्ष 
कल्याण अमर हो जाए

शिव सत्य सुन्दर को 
मानवता मनमें लिए हुए
धर्म पथ अपनाकर 
आगे वह बढ़ते हीं जाए

अत्याचार दुष्प्रभाव 
छोड़ करके हर मानव 
उपकारी बनके
निस्वार्थ भाव सेवा
सबका करते जाए

भगवान इतना भक्ति दो
दूसरों का सेवा कर पाए
भगवान इतना ज्ञान दो
माता-पिता का सेवा कर पाए

सभी देव देवियों को 
कोटि-कोटि नमन

      श्रीमती देवन्ती देवी चंद्रवंशी
              धनबाद झारखंड

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