सा है मेरा प्यार।
जिस प्रकार समुंद्र के
किनारे बैठ कर जो सुकून
मिलता है।उसी तरह तेरे आगोश
में आकर मुझे वो खुशी मिलती है
जो मैं बयां नहीं कर पाती।
जैसे जैसे समुंद्र की लहरें उठती है,
वैसे वैसे मेरा दिल तुझ से मिलने को
बेकरार होता है।
मैं तेरे प्यार में समुंद्र की गहराइयों की
तरह खो जाना चाहती हूं।
जैसे समुंद्र अपने अंदर कितने राज
छुपाए बैठा है,
समुंद्र की तरह तेरा प्यार भी मेरे दिल
राज बनकर छुपा बैठा है।
हरप्रीत कौर
0 टिप्पणियाँ