सुथार सुनील एच. “कलम” जी द्वारा विषय होली पर अद्वितीय रचना'#

होली आई...
रंगों की बौछार होवे, मोज मनाओ मिलके मेरे भाई
खुशियोकी लहरे चारों ओर फैलाई, देखो होली आई 

गांव चौरे मिलके, होली दहनकी कर लोग तैयारी
होलिकाकी आगमे, सबने  मिलके बुराईया जलाई

अबिल गुलालके रंग तरंग, अम्बरमें लहर लहराई
ढोल नगाड़ों संग तासकने, ताल जोरोकी लगाई

सघला मिलने मोज मनावे, बच्चोकी प्यारी माई
जैसे ब्रिजमे धूम मची गोपी संग, वैसी धूम मचाई

उछल उछल सोग बाजे, खेलाईया ने गेर नचाई
बांध घूघरा नाचे भाभस, ओर जोर ताल मिलाई

हर गली महोलोमे, रंगोसे होली खेले लोग लुगाई 
घेरा घेरा रंगसे, ननद भोउजाईकी चुनरीया रंगाई

सत्यकी राह पर, प्रहलाद को इश ने जीत दिलाई
"कलम" की और से, पावन त्योहारकी ढेरो बधाई

सुथार सुनील एच. “कलम”
एम.पी.सी.सी. भाडोत्रा, कम्प्यूटर शिक्षक
गाव- रानोल , ता. दांतीवादा,बनासकांठा

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