होलिका दहन#गायत्री ठाकुर जी "सक्षम"द्वारा#

*होलिका दहन*
     राक्षस राज हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद विष्णु भक्त था। हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में मुनादी करवाई थी कि सभी उसको भगवान माने एवं नारायण का नाम न लें। उसने प्रहलाद को मरवाने  के लिए कई बार प्रयत्न किए किंतु वह हर बार बच गया। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि से नहीं जलने का वरदान प्राप्त था। हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को होलिका की गोदी में बैठा कर अग्नि लगा दी किंतु भगवान की कृपा से प्रहलाद बच गया और होलिका जल गई क्योंकि उसने वरदान का उपयोग बुराई के लिए किया था। इसीलिए होली का त्यौहार बुराई पर भलाई की जीत का संदेश देता है।

गायत्री ठाकुर "सक्षम" नरसिंहपुर ,मध्य प्रदेश

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