ममता वैरागी जी द्वारा कल्कि अवतार पर खूबसूरत आलेख#

चलो जाने क्या है कल्की अवतार, क्या वास्तव मे यह अवतरित है, या हो गये, आलेख।
आज हर कोई कलियुग से त्रस्त है, हर कोई इस युग से पीछा छुडाना चाहता है, सबसे बेस्ट युग है कलियुग चारो युगो मे पर हमने हमारी मानसिकता ऐसी बना ली कि इस युग को कोसते रहे, हमने कलियुग मे बहुत कलखानो का कलपुर्जों का अविष्कार किया ,एक मशीनी युग इस युग को बना दिया घर घर मे हर कार्य मशीनो के द्वारा होता रहा ,और इसमे हमने केवल एक गलती कर दी इन मशीनों के उपयोग मे हम उसे भूल गये, पहले हाथो से काम होकर भी हमारे पूर्वजो ने ईश्वर को प्राप्त किया लेकिन हम मशीनो के बनते ही आधुनिकता की होड मे लग गये, जो जितना बडा रूपयो से बना। ,वह उतना ही हर काम मे नग्न होता गया, कहने लगा  मै बडा बन गया हूं, ऐसा नही है कि आपदा या विपत्ति अभी आती है, पहले भी आई और ना जाने कितनी बार आई पर पहले बचा लेने वालो को हम ईश्वर का दर्जा दे देते थे और आजकल मार देते है, फर्क है हमारे विचारो का और यही है कल्की अवतार ,कहने का मतलब अभी हमने चार वर्णो ही नही चार पांच धर्मो मे अपने आपको बांट रखा है ,और हर एक धर्म को मानने वाला अपने आपको तो ठीक अपने ही भगवान को बडा कहता है कोई किसी धर्म को लेकर बात नही कर सकते ,वरना तो मार दिऐ जाओं बस यही है कल्की अवतारजहाँ उनका आगमन यह धर्मो मे भेदभाव नही करेगा, यह हिन्दु, मुस्लिम ,सीख ,ईशाई  के साथ रहेगा, जी हां यही सत्य वचन है ,कारण  और प्रमाण है कि कल्की अवतार बुद्धिरूपी घोडे पर सवार होकर विचारो को बदलने का नाम है ,यह विचारक्रांति लाकर मानव के मन मष्तिष्क को ठीक करेगे यही है कल्की अवतार जो हमे इस कलियूग मे धर्म से ना मानकर कर्म से ना मानकर विचारो से मानेगा जी हां यह ईश्वर ऐसा है कि ना जाति का कहेगा ,ना धर्म का मजहब, लडाई ,झगडा, क्लेश सब कुछ नष्ट करेगे, हम अभी अपने को असहाय महसूस करते है, अपार धन दौलत  और अपने अनुसार जीने के बाद भी हम बैचेन है लोगो के मन मे ऐक दूसरे के प्रति आक्रोश है वे केवल यह सोचते है कि सब मिट जाए हम रह जाएं, सबको अपनी अपनी शक्तियो ताकतो पर बहुत विश्वास है ,और फिर भी मररहे है, यदि इतने शक्तिशाली हो तो बच जाओ क्यो मर रहे हो, हर धर्म वाला हर जाति वाला, हर नाम और पैसे वाला मर रहा है,क्यो जीवित ना रह पा रहे हो, सांसे अटक रही तब धन और इंसान क्यो काम नही आए, तो नही आते और यही है कल्की जो तुम्हे यह सब ज्ञान देगा, वह समझाएगा कि मानव यदि तुझे सोने से प्यार है ,तो मत कर वह केवल एक धातू है, यदि हीरे को चाहता है तो मत चाह वह केवल एक कांच है, यदि चांदी, मकान गाडी, बंगलों से प्यार है ,तो मत कर यह लोहे ,कंकर ,पत्थरों के ढेर है जो इस धरा पर यूं ही बिखरे पडे थे, तुने समेट लिए और हल्ला मचा दिया हम बडे हो गये ,हमारे पास ताकत आ ग ई अब हम किसी को भी मार सकते है, अब बताओं धन और बडे होते ही बुद्धि कौन सी आई कि हम अब किसी को भी मार सकते है मिटा सकते है, यह बुद्धि नही आई कि हम बडे हो गये ,सुख ,सुविधा से युक्त अब  हम सबको तार देगे, अभी देखा लाकडाऊन मे मार रहे है डंडे ,क्यो मार रहे हो कहते है हमारे पास ताकत है बल है हाथ मे डंडा है, माना तुम्हारे पास यह सब है तो इसका मतलब मारना नही समझाना है ,नही समझते ,तो कुछ लोग बच्चे बुद्धि के होते है ,मारना किसी को नष्ट करना उनका सामान तोडफोड देना अन्याय है, यह एक उदाहरण है कि यही है कल्की जो तुम्हे ज्ञान देगा कि मानव माना कि तुममे ताकत है ,असहाय नही हो तुम ,तुम तो जो चाहे कर सकते हो तो किसी को मारो मत तारो और जब हमारी बुद्धि इस प्रकार निर्मल हो जायेगी तब हम कहेगे कि कल्की अवतार हमारे साथ है, देखो होली को वरदान पाकर यानी वरदान क्या है ,वही आज की ताकत जिसे मिली पर वह अट्टहास करती प्रहलाद को भष्म करने की सोचने लगी और खूद मिटी क्या हमने कुछ सीखा नही सीखा आजकल के सभी मानव के मन मे एक दूसरे को जलाने के भाव है, जो रातदिन किसी ना किसी बहाने से दूसरो को जलाते है, और उसी जलाने के चक्कर मे खूद जलते रहते है, और अंत मे भी जल जाते है केवल होली जैसी राख रह जाती है और जग तो हंसता ही है बारह दिन क्या जिस दिन तुम जले उसदिन भी उसने बढियां खाना खाया ,गम थोडे ही मनाया, समझो कि गंगापुत्र देवब्रत भी हो, और भरी सभा मे खामोश होकर अन्याय होते देखते हो तो हश्र क्या होता है बाणो की सेज मिलती है, और आजकल बडे बडे लोग जिनके हाथो मे पद, पैसा ,ताकत सबकुछ है पर वे भी टुकटुक देखते रहते है कि नही हम क्यो बोले उनके सामने नारियो पर अत्याचार होता है ,खून खराबा होता है पर वे बैठे है अंधो का राजा और मुक देवब्रत को शूली की सेज मिलती है, यानी सजा, और आज यही समझाने हमारे बीच कल्की भगवान आ रहे है, जिससे यह होगा जिन जिन को वे देख लेगे कि इसमे मानवता इंसानियत है उनके विचारो को और अच्छा बना देगे, जिनके विचार अशुद्ध है उन्हे मार देगे, क्या हिन्दू और क्या मुस्लिम ,सबके सब उनके विचारो से सहमत होगे क्यो कि वे भगवान ना हिन्दू है ना मुसलमान ना सीख है ना ईशाई, वे है विचारो को परिवर्तित करने वाले कोई भी धर्म कर्म वाले होगे उनको लगने लगेगाकि उनके विचारो मे ऐसा आने लगा है कि भलाई करना चाहिए, सेवा करना चाहिए, घर को धन से ना भरे यह दूसरो के काम आए, यदि वे ईमानदारी पूर्वक रहते है ,कर्म करते है तो समझो कल्की भगवान ने उनके सर पर हाथ फेर दिया है उनके विचारो को बदल दिया है, ऐसे मानव होते जायेगे जो खूद केवल अपने परिवार तक सीमित ना होकर सबकी भलाई समझेगे, सबको कहेगे कि परोपकार से बडा कोई धर्म नही ,बस यही है कल्की जो हम सबके बीच आयेगा जो संत कबीर ,हो या सांईहो जो फकीर की तरह रहकर भी ईश्वर बन जाता है ऐसे मानव बनते जायेगे और उनके दिमाग मे से अंह का भूत उतरता जायेगा, जिसके मन मे प्रेम की गंगा बहने लगेगी बस समझो वही मानव है और वही यहां बच पायेगा, और कल्की को प्राप्त कर सकेगा, यह कलियुग की बहुत बडी विशेषता है कि यहाँ पग पग पर ईश्वर है केवल हम प्रेम से बुलाकर णानव को मानव समझकर उनसे अच्छा व्यवहार करने लगे तो यहां हमे हमारी आंखो सेकल्की दिखने लगे ईश्वर दिखने लगे उसकी ज्योत दिखने लगे बस देखने का नजरियां बदल लो, पाओगे कि कोई अदृश्य सत्ता आपके साथ है, दूसरो को मिटाने की भावना का त्याग और अपने मन मे सबके प्रति प्रेम ही ईश्वर से मिला देता है।
तो आओं कल्की भगवान का साथ पाये, विचारो मे शुद्धता लाएं, मानव हो प्रेम की बांसुरी बजाएं भावविभोर होकर सबको गले लगाये ,अभी यह जग बंदावन हो जायेगा ,और हम सबके बीच मुरली मनोहर आ जायेगा, जो सबको पसंद है, 
ममता वैरागी तिरला धार

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