विषय - बादल और बारिश
विधा - कविता
काले - भूरे - सफेद , बादल
नभ में दौड़ , लगाते बादल
मन को अच्छे, लगते बादल
अजीब रूप धर,आते बादल..।।
झूम-झूम कर , नाचें बादल
शोर बहुत , मचाते बादल
सबका मन, ललचाते बादल
सूरज को , ढक लेते बादल ..।।
सागर से पानी, भर-भर कर
गरज-गरज कर,बरसें बादल
खेतों की ये , प्यास बुझाते
खलिहानों को, भरते बादल..।।
बच्चे - बूढ़े , या हों जवान
सबके दिलों में , छेड़ें तान
दादुर,मोर और मन किसान
देखें बादल को, सुबह- शाम..।।
गड़गड़ाहटें , करते बादल
झमा झमा झम,बरसें बादल
चमचम नभ,बिजली चमकाएँ
सन-सन करती, हवा चलाएँ..।।
तेज बारिशों की , बूँदों से
ताल- तलैया , भरते बादल
नदियों को जीवन,देते बादल
घर में खुशियाँ, भरते बादल ..।।
सावन में मन,तरसाते बादल
मन ही मन , रुलाते बादल
पायल भी बोले, छम छम छम
साजन की याद,दिलाते बादल ..।।
डॉ. राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
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