साप्ताहिक प्रतियोगिता के तहत
दिनांक-31/12/2020,
गुरूवार
विषय-आंग्ल वर्ष
शीर्षक-*आयी भोर सुहानी*
सुस्वागतम् नव वर्ष ...
दोहे
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कुछ इस तरहा से चला,यह पुराना साल।
जैसे हो मजबूर सा,चल रहा कुटिल चाल।१।
बहुत तडपाया तुमने,बेदर्द रचा भेष।
सुख चैन सब छीन लिया, छोडा न हर्ष शेष।२।
घर घर पहुँच किया वार,कैसी तेरी नीत।
तेरा भी कर शुक्रिया,छूटें लेकर सीख।३।
अब ना और तू तडपा,वापस ले उपहार।
*भोर नयी अब आ रही,लिये खुशियाँ अपार।४।*
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सुखमिला अग्रवाल
स्वरचित मौलिक
सर्वअधिकार सुरक्षित्
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