मुझे हारने नही दोगे
मेरा बस तुम पर है यकीन,मुझे हारने नही दोगे
मैं आसमां तुम मेरी जमीन,मुझे हारने नही दोगे
ज़ख्म कितने भी लगें,दर्द बेइंतहा हो,बेशक
आँसू हो जाएं नमकीन, मुझे हारने नही दोगे
अंधेरे बेशुमार हैं,मंजिल का नामोंनिशां नही
राहें भी हैं,बड़ी महीन,मुझे हारने नही दोगे
साथ हो तुम मेरे,गिरूँ तो लेना सम्भाल मुझे
लम्हें हो चाहे गमगीन,मुझे हारने नही दोगे
अकेला कुछ नहीं मैं,मेरा वजूद बस तुमसे
है ज़िन्दगी में सब अमीन,मुझे हारने नहीं दोगे
डॉ विनोद कुमार शकुचन्द्र
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