मेरे साजन#डॉ.राजेश कुमार जैन जी द्वारा#गीत#

सादर समीक्षार्थ 
विषय      -      मेरे साजन 
विधा       -       गीत 
मात्राभार      -    16  / 14 



बहुत सताया तुमने  प्रियतम
मुझको तुम  न  अब सताओ
याद बहुत  आते  हो दिल को
आकर   कुछ  बात  बताओ..।।

दिन  तो  जाने   कैसे  कटता
जिया  रात   भर     तरसाता
अँखियों से बस नीर बरसता
द्वार   हवा   से  जब   खुलता
तेरी    भीनी    खुश्बू    लाता
उर  में   फिर   प्यार    जगाता
बहुत  सताया  तुमने  प्रियतम 
मुझको  तुम न  अब सताओ ..।।

तुम बिन जीवन सूना  लगता
मन  न कहीं भी  अब  लगता
अब तो  गीत प्रीत के   गाकर
मेरे     दिल    को    समझाओ
डोर   बंधी    तुम    संग   मेरी
आकर   फिर  गले    लगा  लो
बहुत  सताया तुमने  प्रियतम
मुझको  तुम अब  न सताओ ..।।

मौसम    जाने   कितने   बीते
थक    गई    राह   मैं    तकते
बेकस-  बेदम    होती   काया
ढूँढ       रही      तेरी       छाया
दिल  को  कोई  शाम न  भाती
रात     सदा     डसने     आती
बहुत  सताया  तुमने प्रियतम
मुझको  तुम अब  न सताओ ..।।




डॉ.राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल 
उत्तराखंड

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