- डॉ.दीपक क्रांति,झारखंड।(ग्लोबल प्रेसिडेंट राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय 'बदलाव मंच'**भारत)जी द्वारा विषय बाबा साहब अंबेडकर हम सब में है पर अद्वितीय व क्रांतिकारी रचना#

*शीर्षक-'बाबा साहब अंबेडकर हम सब में  हैं'*

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 जो शोषितों वंचितों के मुद्दे उठाता है। वो बाबा साहब अंबेडकर हो जाता है।।

 जो विपरीत परिस्थितियों में भी समता के लिए आगे बढ़ पाता है।
वो बाबा साहब अंबेडकर हो जाता है।।

 जो कानून में बराबरी की बात लिख जाता है।
वो बाबा साहब अंबेडकर हो जाता है।।

जो रूढ़िवाद की किताबों को सरेआम जलाता है।
वो बाबा साहब अंबेडकर हो जाता है।।

जो 'दीपक' बनकर घनघोर अंधेरे में अपनी लौ जलाता है ।
वो बाबा साहब अंबेडकर हो जाता है।।

 जो जाति-धर्म से ऊपर उठकर इंसानियत अपनाता है।
 वो बाबा साहब अंबेडकर हो जाता है।।

जो मनगढ़ंत कहानियों की जगह पर ज्ञान प्राप्ति का इतिहास लिख जाता है।
 वो बाबा साहब अंबेडकर हो जाता है।।

अन्याय के खिलाफ जो कलम को तलवार बनाता है।
वो बाबा साहब अंबेडकर हो जाता है।।

जो हर ढोंग का, अपने तर्क से प्रत्युत्तर दे पाता है।
वो बाबा साहब अंबेडकर हो जाता है।।

जो ढोंगियों के झंडे को झुकाकर, तिरंगे का नीला-क्रांति चक्र बन जाता है।
वो बाबा साहब अंबेडकर हो जाता है।। 

बोधिसत्व प्राप्त कर विश्व का सबसे बड़ा,जो विद्वान हो जाता है।
वो बाबा साहब अम्बेडकर हो जाता है।।

''जो इंसानियत के हक में,
     बुद्ध, कबीर , ज्योतिबा फुले,
      तीनों के तर्क अपनाता है।
सच्चे अर्थों में वो बाबा साहब अम्बेडकर हो जाता है।।"

- डॉ.दीपक क्रांति,झारखंड।
*ग्लोबल प्रेसिडेंट राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय 'बदलाव मंच'*
*भारत*
वॉट्सऐप 7004369186
*मौलिक व स्वरचित*

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