सरल सहज मन#बबिता प्रजापति झांसी द्वारा खूबसूरत कविता#

सरल सहज मन पर
शब्दों का तीर लगा
चन्ना से ज्ञान मिला
ह्रदय फिर गंभीर हुआ।
नव शिशु को 
निज भार्या को त्याग
चल पड़े सिद्धार्थ
सत्य की खोज में...
वन वन भटके
मिला नही 
ज्ञान उनको मिला नही
भूख लगे न लगे प्यास
सत्य की खोज में।
बोधि वृक्ष के नीचे
बैठे तब आंखें मीचे
ह्रदय में उठा दिव्य प्रकाश
सत्य की खोज में.....

बबिता प्रजापति
झांसी

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ