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कविता
*जिंदगी*
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अपनो का जब साथ मिले तो,
जिंदगी खुशियों से भर जाती।
आन-बान की अनुपम महिमा,
जन मानस के मन को भाती।।
संस्कार संस्कृतियों की माया,
जिंदगी में बहुत काम आती।
परोपकार सेवा साधना,
अपनेपन का प्यार लुटाती।।
नयनाभिराम सी कौशलता,
जिंदगी को जीना सिखलाती।
अतिथि सत्कार परम्पराओं का,
हम सबकों यह पाठ पढ़ाती।।
एक दूसरे की मदद करना,
जिंदगी की सटीक परिभाषा।
मधुर वाणी शिष्ट व्यवहार की,
सबकी रहती है अभिलाषा।।
आना-जाना,जन्म-परण-मरण,
जिंदगी में साथ निभाता है।
नियम पालना करने वाला,
हमें सही राह दिखाता है।।
©®
रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा,(राज.)
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