वीर शहीद

बदलाव मंच
दिनांक - 19/06/2020
     *वीर शहीद* 

उमड़ पड़ा है आज पूरा गांव, मोहल्ला, शहर, जब माटी में मिलने आया था,
मोटर कार में नहीं, अपने देश के तिरंगे में लिपटा आया था।
बच्चे,बूढ़े, जवान सबकी जुबा पर नाम, शहीद गणेश राम,
एक मां के लाल ने आज, एक मां के लिए किया विश्राम।
दूर-दूर तक गांव में लोगों का हुजूम समाते नहीं थे छाव में,
मां बहन पिता कलपते थे थमते नहीं थे  पाव जमी में।
मां का दुलारा, परिवार का प्यारा लहू से जिसने लिखी कहानी,
गर्व से दोराएगा भारत शहादत की उसकी यह निशानी।
मां का रो- रो बुरा हाल हुआ,
उसके आंगन का था बूटा,
पत्नी का श्रृंगार चूड़ी,बिंदी, काजल,कंगना छुटा।
थी सैनिको की पूरी फौज, इक्कीस तोपों की सलामी देते,
सीना गर्व से फूला पिता का,वीर पुत्र को सलामी देते।
चली साजो सज्जा से उसकी अंतिम यात्रा जब,
स्वयं मुख्यमंत्री कंधा देकर रो दिए, अंतिम विदा देते वक्त,
छूकर पैर मां के कहा,तेरा लाल अमर हुआ,
जन्म दिया इस पावन धाम में, पूरे देश अमर हुआ।
सब तरफ भारत मां के वीर का परचम लहरा रहा था आज,हर शीश झुके थे सजदे मे, नम आंखों  से सोचू,क्या....  याद रहेगा उसका बलिदान आज के बाद।

माधवी गणवीर
छत्तीसगढ़

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