बाल कविता'
वर्षा रानी'
वर्षा रानी, ओ! वर्षा रानी।
टिप-टिप करता तेरा पानी।।
याद आती हमें नानी।
पीते हम जब ठंडा पानी।।
पेड़ों की प्यास बुझाओ न।
अब तो तुम बरस जाओ न।।
क्यों रूठी हो तुम इतना।
नदी में हो जल जितना।।
अब तो बादल तुम बन जाओ।
धरती पर पानी बरसाओ।।
पंछी प्यासे,पशु प्यासे।
हम सब तेरे पानी को तरसे।
चारों ओर हरियाली छा जाती।
जब बारिश छम-छम आती।।
कागज की नाव बनाऊंगा।
राजा बेटा बन जाऊंगा।।
नाम-रूपा व्यास
पता-व्यास जनरल स्टोर, दुकान न.7,न्यू मार्केट,रावतभाटा, जिला-चितौड़गढ़ (राजस्थान),पिनकोड-323307
व्हाट्सएप न.9461287867
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"यह प्रमाणित किया जाता है कि यह मेरी मौलिक रचना है।"
-धन्यवाद-
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