चमचागिरी महिमा
यदि पोजीशन चाहिए तो चमचागिरी कर
न कोई मेहनत न कोई काम
इस में लगे न कोई दाम
इस पेशे में नाम ही नाम
बस बास के बनो गुलाम
निकलवाओ तुम सब के काम
विरोधियों का करो काम तमाम
चुगली करके करो उनका जीना हराम
खूब मिलेगा तुम को दाम
लोग बनेंगे तुम्हारे गुलाम
तुम हो जाओगे गुलफाम
बास जब तुम पर खुश होते
बड़े बड़े तोहफे तुम्हें देते
तुम उनका मानते उपकार
करते कभी न किसी का उपकार
पैसे से तुम करते प्यार
पैसा ही है तुम्हारा यार
शत्रु कम मित्र हजार
स्ट्रांग होगा तेरा आधार
अशोक शर्मा वशिष्ठ
Badlavmanch
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