सावन गीत

🌹🌹🌹सावन गीत 🌹🌹🌹

. साजन की याद सताती है, सावन में  l
पायलिया शोर मचाती है, सावन में  ll

    शीतल, मंद बहे पुरबाई  l
     रह - रह के आती अंगड़ाई  ll

घूँघट को पौन उड़ाती है, सावन में  l
साजन की याद सताती है, सावन में  ll

     खटमल चोली में घुस आते  l
      रह - रह कर उपचीर मचाते  ll

सुख - नींद हाय उड़ जाती है, सावन में  l
साजन की याद सताती है, सावन में  ll

     मच्छर गाल चूम भग जाते  l
     जुगनू फ्लैश मारने आते  ll

पिय - सेज बहुत तड़पाती है, सावन में  l
साजन की याद सताती है, सावन में  ll

      पिय होते तो अंग लगाती  l
      बाढ़ी हुई नदी बन जाती  ll

दोनों आँख हाय भर आती है, सावन में  l
साजन की याद सताती है, सावन में  ll

     होते पंख पास उड़ आती  l
     शोला से शबनम बन जाती  ll

रति बार - बार बहकाती है, सावन में  l
साजन की याद सताती है, सावन में  ll

    मेरा प्रणय गीत पढ़ लेना  l
    प्रीतम प्यारी की सुध लेना  ll

सब सखियाँ रास रचाती हैं, सावन में  l
साजन की याद सताती है, सावन में  ll

ग्राम कवि संतोष पाण्डेय "सरित" गुरु जी गढ़ रीवा (मध्य प्रदेश) 8889274422 /8224913591
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